अमेरिका के बाद यूके के मंत्री पहुंचे ताइवान, नाराज हुआ चीन…

एजेंसी न्यूज ब्यूरों :- चीन ने ब्रिटेन के व्यापार मंत्री ग्रेग हैंड्स के ताइवान दौरे पर पलटवार किया है। चीन ने कहा कि ब्रिटेन वन चाइना पॉलिसी का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने वन चाइना पॉलिसी पर अपनी प्रतिबद्धता जताई थी, अब वह इससे पीछे हट रहा है। चीन ने कहा कि ब्रिटेन ताइपे के साथ आधिकारिक संपर्क नहीं करने की बीजिंग की चेतावनियों की अवहेलना कर रहा है। गौरतलब है कि ब्रिटिश व्यापार मंत्री ग्रेग हैंड्स दो दिवसीय दौरे पर आज यानी सोमवार को ताइपे पहुंचे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने सोमवार को बीजिंग में कहा कि दुनिया में केवल एक-चीन है और ताइवान चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है। चीन किसी भी देश के ताइवान के साथ राजनयिक संबंध या किसी भी आधिकारिक बातचीत को खारिज करता है। एक चीन का सिद्धांत ब्रिटेन-चीन संबंधों का राजनीतिक आधार है।
झाओ ने कहा कि ब्रिटेन को चीन की स्थिति का सम्मान करना चाहिए और ताइवान के साथ आधिकारिक बातचीत बंद करनी चाहिए। साथ ही ताइवान की स्वतंत्र ताकतों को गलत संकेत भेजना बंद करना चाहिए। उन्होंने ताइवान के राष्ट्रपति त्साई-इंग-वेन की अध्यक्षता वाली ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) को भी चेतावनी दी।
ब्रिटिश व्यापार मंत्री ग्रेग हैंड्स की यह दो दिवसीय यात्रा ना केवल आर्थिक द्रष्टिकोण से बल्कि राजनीतिक रूप से भी खासा महत्व रखती है। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी उच्च-स्तरीय ब्रिटिश अधिकारी की यह पहली ताइवान यात्रा है। वहीं, पिछले महीने प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने चीन के खिलाफ एक कट्टरपंथी होने की खबरों के बीच पदभार ग्रहण किया था।
गौरतलब है कि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद ब्रिटेन के मंत्री की ताइवान यात्रा हो रही है। अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा बीते अगस्त माह में हुई थी। बीते 25 सालों में वह पहली अमेरिकी शीर्ष नेता थीं जो चीन के भारी विरोध के बावजूद ताइवान पहुंची थीं। तब विश्लेषकों ने कहा था कि सेना की सलाह को ठुकरा कर हुई पेलोसी की यात्रा से अमेरिका और चीन के बीच का संकट और करीब आ गया था।
पेलोसी की ताइवान यात्रा का परिणाम था कि चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य में बड़े पैमाने पर अभूतपूर्व रूप से सैन्य अभ्यास किया था। चीन ने ना केवल ताइवान बल्कि अमेरिका को भी परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।
बता दें कि चीन ताइवान को अपने हिस्से के रूप में दावा करता है। चीन के साथ ताइवान का एकीकरण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के घोषित उद्देश्य का हिस्सा है। शी जिनपिंग को पिछले महीने रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल के लिए चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख के रूप में चुना गया था।

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