‘रोड़ नहीं’ ये हैं मौत का रास्ता, वड़सा वासियों की जान हलक में अटकी!

जाफर शेख, पीआर न्यूज वड़सा :- वड़ासा बायपास रोड का काम काफी धीमी गति से चल रहा जिसके कारण बड़ी गाडियों को कमलानगर के अंबेडकर स्कूल से होते हुवे वड़सा शहर से अंदर होकर शहर से बाहर जाना पड़ता है. जिस वज़ह से वड़सा शहर का हाल बेहाल हो गया. वड़सा शहर का एकमात्र रोड़ प्रशासन की कारगुजारी के चलते गायब होकर अब रोड़ पर गड्ढों का साम्राज्य बना है. वड़सा शहर वासियों के हक का विकास भ्रष्ट्राचारी बाबुओंने खुद ही हज़म कर वड़सा वासियों के साथ ही शहर से होकर गुजरने वालों के जीवन से य़ह खतरनाक खिलवाड़ हैं. हाल ही में केंद्रीय परिवहन विभाग ने गड्ढों की वज़ह से रोड़ एक्सिडेंट में इजाफा होकर मृत्यू दर बढ़ने पर चिंता जताते हुए मृतकों के आकड़े जारी किये हैं. वड़सा शहर के गड्ढों में छिपी सड़क पर चलना मतलब सर्कस के ‘मौत का कुव्वा’ वाला प्रदर्शन करने से कम नहीं हैं. देशवासियों की जान से खिलवाड़ करने वाले वड़सा के भ्रष्ट्राचार मे आकंठ डूबे अधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए बाईपास रोड़ का काम शीघ्र पूरा कर शहर के मेन रोड़ का नवीनीकरण जल्द किया जाना चाहिये.
वड़सा शहर के अदृश्य रोड पर बने बड़े – बड़े गड्ढों को तत्काल पैचउप कर फिलहाल चलने लायक बनाने की जिम्मेदारी स्थानिय प्रशासन की हैं जिसे तत्काल अंजाम देना चाहिए. वड़सा वासियों ने स्थानीय प्रशासन से अपील की है कि बायपास रोड का काम जल्द से जल्द पूरा कर शहर के मेन रोड को भी तत्काल नया बनाकर दे.

वड़सा शहर का मेन रोड़ बना ‘मौत का कुआँ’ – फोटो पीआर न्यूज

सड़क के गड्डों से 2018-2020 के बीच 5,000 से ज्यादा लोगों की जान गई.
वर्ष 2018 से 2020 के बीच गड्ढों के कारण हुए सड़क हादसों में 5,626 लोगों की मौत हुई थी. यह जानकारी सरकार के हालिया आंकड़ों में दी गई हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2018 2019 और 2020 में गड्डों के कारण सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की कुल संख्या क्रमशः 2,015, – 2,140 और 1,471 थी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में कहा था कि मंत्रालय ने शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों), प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को हल करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है. गडकरी ने कहा था कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर ‘ब्लैक स्पॉट’ (दुर्घटना संभावित स्थानों) की पहचान और सुधार को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है. उन्होंने कहा था कि योजना के स्तर पर सड़क सुरक्षा को सड़क डिजाइन का एक अभिन्न अंग बना दिया गया है.
लेकिन हेवीवेट मंत्री की अपील भी वड़सा शहर की सूरत नहीं बदल सका और भ्रष्ट्राचार के आगे सब बौने साबित हो रहे हैं. खबर सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग के साथ मंत्री को भी अटैच कर रहे हैं.

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