पानसरे हत्याकांड की जांच ATS को सौंपी, मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच पाई एसआयटी?

पीआर ब्यूरो, मुंबई :- बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले की जांच महाराष्ट्र आंतक रोधी दस्ता (एटीएस) को सौंप दी है। अब तक महाराष्ट्र आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच कर रहा था। पानसरे की हत्या के मामले में सात साल से अधिक समय बाद जांच को एटीएस को ट्रांसफर कर दिया गया है।

हाईकोर्ट ने ATS को दिये जांच के आदेश
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने कहा कि वह पानसरे की परिवार के सदस्यों द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार कर रही है और जांच एटीएस को स्थानांतरित कर रही है।
2015 में गठित की गई थी SIT
एसआईटी का गठन साल 2015 में बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद किया गया था। पानसरे के परिवार के सदस्यों ने एक विशेष टीम जांच के लिए गठित करने की याचिका दायर की थी।

पानसरे की कोल्हापुर में गोली मारकर कर हत्या की थी
पानसरे को 16 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर में गोली मार दी गई थी और कुछ दिनों बाद 20 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी। सीआईडी मामले की जांच कर रही थी और उसने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था।
जांच ATS को ट्रांसफर करने पर SIT को कोई आपत्ति नहीं
एसआईटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अशोक मुंदरगी ने कोर्ट से कहा कि अगर जांच एटीएस को ट्रांसफर की जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि वह भी राज्य सरकार की एजेंसी है।

मुंदरगी ने कहा, “हम सहमत हैं। एटीएस को नियुक्त किया जा सकता है और निरंतरता के लिए एसआईटी के कुछ अधिकारी एटीएस की सहायता करेंगे।”

अतिरिक्त महानिदेशक करेंगे जांच की निगरानी
जब अदालत ने पूछा कि कौन से वरिष्ठ अधिकारी जांच का नेतृत्व करेंगे, तो मुंदरगी ने कहा कि अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) एटीएस के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं और वह जांच की निगरानी करेंगे।

लोगों की हिटलिस्ट में शामिल हैं 40 और लोग
पानसरे के परिवार की ओर से पेश वकील अभय नेवागी ने अदालत को बताया कि हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड और शूटर अभी भी अज्ञात हैं। नेवागी ने कहा, ” एसआईटी के अनुसार पानसरे की हत्या के पीछे लोगों की हिटलिस्ट में लगभग चालीस और लोग हैं। इसमें उनके परिवार के सदस्य, मारे गए तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और मेधा पाटक का परिवार शामिल है। हम केवल मास्टरमाइंड को पकड़ना चाहते हैं।
आरोपियों ने जांच को ATS को ट्रांसफर करने का किया विरोध
कोर्ट ने बुधवार को दाभोलकर और पानसरे के हत्याकांड में गिरफ्तार तीन आरोपियों द्वारा दायर आवेदनों पर भी विचार करने से इनकार किया। आरोपियों ने इस स्तर पर जांच को किसी अन्य एजेंसी को ट्रांसफर करने का विरोध किया था।

मुंदरगी और नेवागी दोनों ने यह कहते हुए आवेदन का विरोध किया कि आरोपी व्यक्तियों का यह कहना है कि किस एजेंसी को मामले की जांच नहीं करनी चाहिए।

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