जीएसटी को राहुल ने बताया ‘गब्बर की रेसिपी’

कम बनाओ, कम खाओ, जुमले के तड़के से भूख मिटाओ

नई दिल्ली, पीआर ब्यूरो :- खाने-पीने की जरूरी चीजों पर जीएसटी को लेकर सत्तापक्ष पर विपक्ष आक्रामक हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, जो ‘मित्रों’ के अनकहे शब्दों को सुनते हैं, उन्हें अब लोगों की बात सुननी होगी और इस कदम को वापस लेना होगा।

महंगाई और जीएसटी दरों के मुद्दें पर संसद में चर्चा की मांग कर रहा विपक्ष
कांग्रेस और अन्य दल महंगाई और जीएसटी दरों के मुद्दे पर संसद में तत्काल चर्चा की मांग कर रहे हैं। सोमवार को मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से ही संसद में इस मुद्दे पर व्यवधान देखा गया।
पच्चीस किलो से कम वजन वाले अनाज, दाल और आटे जैसे प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया है। दही और लस्सी जैसे लीटर में मापी जाने वाली वस्तुओं के लिए ये सीमा २५ लीटर है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने क्या कहा ?
इससे पहले मंगलवार को आलोचनाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि गैर-भाजपा शासित समेत सभी राज्यों की मंजूरी के बाद पांच फीसदी टैक्स लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा था कि पंजबा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल ने भी टैक्स लगाने पर सहमति जताई है।
ट्वीट की एक श्रृंखला में सीतारमण ने कहा कि राज्यों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से पहले की व्यवस्था में खाद्यान्नों पर सेल्स टैक्स या वैट लगाया और अनाज, दाल, आटा, दही और लस्सी पर वत्मान लेवी टैक्स रिसाव को रोकने की एक कवायद है। उन्होंने कहा था कि फैसला जीएसटी परिषद द्वारा लिया गया था जहां सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व होता है और फैसला आम सहमति से लिया गया था।
इससे पहले राहुल गांधी ने जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहते रहे हैं। बुधवार को उन्होंने इसे ‘गृहस्थी सर्वनाश टैक्स’ बताया और कहा कि यह आम घरों के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।

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