इलेक्टोरल बॉन्ड असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मोदी सरकार को झटका

पीआर न्यूज ब्यूरो, नई दिल्ली :- सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के सामने चल रही इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई में कोर्ट ने कड़े शब्दों में एतराज जताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया हैं। इससे इलेक्टरल बॉन्ड की पक्षकार रही भारतीय जनता पार्टी एवं मोदी सरकार को इससे बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए मोदी सरकार की चुनावी चंदे की स्कीम को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने साफ कहा कि, नागरिकों को यह जानने का अधिकार है, कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है। कोर्ट ने यह भी माना है कि गुमनाम चुनावी बांड सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। आपको बता दें कि राजनीतिक दलों को चंदा जुटाने के तरीकों को फ्री एण्ड फेयर बनाने के वादे के साथ मोदी सरकार साल 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी बॉन्ड लेकर आई थी। लेकिन शुरुआत से ही इसपर विवाद खड़ा हो गया था। आरोप लगे की चुनावी बॉन्ड में चंदा देने वाले की जानकारी नहीं मिलने से इसमें धांधली की गुंजाइश है। आरोप थे कि शेल कंपनियों के माध्यम से चुनावी चंदे में ब्लैक मनी खपाई जा रही है। साथ ही आरोप यह भी थे कि चुनावी चंदे का ज्यादातर हिस्सा सत्ताधारी दल यानी बीजेपी को जा रहा है। तर्क ये भी है कि इससे सरकार उन कारोबारियों को ज्यादा फायदा पहुंचा सकती है, जो उन्हें चंदा दे रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में क्या क्या हुआ
चीफ जस्टिस की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, काले धन को रोकने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड के अलावा और भी दूसरे तरीके है। राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले फंड के बारे में मतदाताओं को जानने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों को फंडिंग के बारे में जानकारी होने से लोगों के लिए अपना मताधिकार इस्तेमाल करने में स्पष्टता मिलती है। काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार का उल्लंघन करना उचित नहीं है।

सीजेआई ने कहा कि संविधान इस मामले में आंखे बंद करके नहीं रख सकता, केवल इस आधार पर कि इसका गलत उपयोग हो सकता है। राजनीतिक दलों के द्वारा फंडिंग की जानकारी उजागर न करना इसके मकसद के विपरीत है।

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