डॉ. आंबेडकर अस्पताल के समर्थन में एकजुट हुआ बहुजन समाज

पीआर न्यूज ब्यूरो, नागपुर :- राज्य सरकार उत्तर नागपुर के इंदौरा क्षेत्र में स्थित डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर को यहाँ से हटाकर मिहान क्षेत्र में स्थापित कराना चाहती है। जिसके विरोध में शहर का सभी बहुजन समाज एकजुट होकर इस स्थानांतरण का विरोध कर रहे हैं। सरकार की नितीयों के विरोध हेतू समुदाय के सदस्यों डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर अस्पताल बचाव एक्शन कमेटी का गठन किया है। अस्पताल परिसर में कमीटी के बैनर तले अस्पताल को बचाने के लिए सर्वदलीय धरना प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अनुसंधान केंद्र की नींव पहली बार 2007 में रखी गई थी और 2021 में कैबिनेट ने 6 एकड़ की जगह पर 625 बेड वाला एक भव्य अस्पताल बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके लिए सरकार ने कुल 1165 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी।
लेकिन राज्य में सत्तांतरण के बाद शिंदे-फडणवीस की जोड़ी सरकार में स्थापित हुई। आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार के षडयंत्रकारी रवैये के कारण इस परियोजना को उत्तर नागपुर से मिहान में स्थानांतरित किया जा रहा है। ऐसा स्थानीय विधायक नितिन राऊत को राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए किए जाने का कड़ा आरोप भी कांग्रेस ने लगाया है।
दूसरी ओर डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर अस्पताल बचाव एक्शन कमेटी की ओर से विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई बहुजन समाज पार्टी ने स्थानीय विधायक नितिन राउत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। डॉ. आंबेडकर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर को उत्तर नागपुर में रोक पाने में स्थानीय विधायक फेल होने का आरोप बीएसपी ने लगाया है। बसपा के जिला अध्यक्ष ओपुल तामगाडगे ने दावा किया है कि चूंकि राउत सत्ता खोने के कारण हताश हो गए हैं, इसलिए अब वह धरना निर्दशन का कार्यक्रम अपने हाथ में लेकर सीधे तौर पर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।विधायक नितीन राउत ने सरकार को चुनौती देने का काम करना चाहिए ऐसा बीना मांगे ज्ञान भी बीएसपी ने विधायक को दिया।
अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर को उत्तर नागपुर में रोकने की मुहिम से सत्ताधारी बीजेपी – शिवसेना – राकांपा नदारद है।
अब तो यह चर्चा जोरों पर है कि सरकार बाबासाहब आंबेडकर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर को मिहान में शिफ्ट करने की साजिश एक बडे़ नेता को लाभ पहुंचाने रच रही है। सरकार की इस दोगली नीति के खिलाफ बहुजन समाज एकजुट है, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि यदि आंबेडकर अस्पताल को स्थानांतरित किया गया तो इससे समुदाय में काफी गुस्सा पैदा होगा और इसका असर सड़कों पर देखने को मिलेगा।

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