समाज का आरक्षण बचाने, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ का अनशन जारी…

पीआर न्यूज ब्यूरो, नागपुर :- 10 सितंबर से धरने पर बैठे राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के नेता, ओबीसी आरक्षण को बरकरार रखने के लिए नागपुर स्थित डॉ आंबेडकर स्मारक, संविधान चौक पर अब भी आंदोलनरत हैं। शुरुआत में इस आंदोलन को सभी पार्टियों के ओबीसी नेताओं द्वारा सभी शाखीय कुणबी ओबीसी कृती समिती के बैनर तले शुरू किया गया था. लेकिन राज्य के उपमुख्यमंत्री एव नागपुर जिले के संरक्षक मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने आंदोलन स्थल को मुलाकात देने के बाद, कुछ आश्वासन दिए जाने की बात सामने आ रही थी। तभी से आंदोलन में दरारें पढ़नी शुरू हो गई थी, ऐसा कहा जाने लगा। बावजूद इसके ओबीसी धरना प्रदर्शन आंदोलन जारी था। इसी के तहत कल 19 सितंबर को संविधान चौक से जिलाधिकारी कार्यालय तक ईशारा एल्गार मार्च ओबीसी के ओर से निकाला गया था।
जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से सरकार को निवेदन प्रेषित करने के बाद, ओबीसी आंदोलन से जुड़े कुनबी ओबीसी कृति समिति के नेताओं ने इस आंदोलन को स्थगित करने का ऐलान कर दिया। सभी शाकीय कुनबी ओबीसी कृति समिति के कुछ नेताओं ने आंदोलन से पीछे हटने का ऐलान करते ही आंदोलन में दो फाड़ हो गई।

ओबीसी आंदोलन से कुछ लोगों के हटने से आंदोलन कमजोर नहीं होगा, ऐसा ऐलान करते हुए राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के नेता बबनराव तायवाडे ने अंतिम सांस तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। सरकार की ओर से ओबीसी आरक्षण को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए यह आंदोलन जारी रहेगा ऐसा ऐलान किया।
हालांकि यह आंदोलन कब तक चलेगा? इस सवाल पर तायवाडे ने पीआर न्यूज को बताया कि राज्य सरकार ने मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण नहीं देने की लिखित गारंटी नहीं दी है। जब तक लिखित गारंटी नहीं मिलती तब तक आंदोलन शुरू रहेगा। ओबीसी समुदाय ने सरकार से 12 मांगें की हैं. जब ओबीसी समाज का इतना बड़ा आंदोलन चल रहा है, तो सरकार को बातचीत के लिए बुलाना चाहिए और लिखित आश्वासन देना चाहिए। उसके बाद ही यह आंदोलन रुकेगा। ताइवाडे ने इस समय यह भी चेतावनी दी कि वह अब भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
ज्ञात हो कि कुनबी ओबीसी समुदाय पिछले दस दिनों से नागपुर के संविधान चौक पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। अन्य सामाजिक-राजनीतिक संगठनों ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया था। 18 सितंबर को निकले मार्च में सभी दलों के राजनीतिक नेताओं ने ओबीसी आंदोलन में शामिल होकर एकता का नारा भी दिया। राजनीतिक दुश्मनी भुलाकर एकता की मिसाल भी फोटो में दिखाई दे रही थी।
हालांकि अब धरने पर बैठे लोगों में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष डॉ बबनराव तायवाड़े, सुरेश कोंगे, रामभाऊ कावड़कर, प्रा. सुषमाताई भड, विजयाताई धोटे, मामा राऊत, गेमराज गोमासे के साथ ही अन्य 20 लोग उपोषण पर बैठे हैं।

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