मौत के मुहं में पहुंची गाय का गुनाहगार कौन?

असलम शेख, पीआर न्यूज देसाईगंज (वडसा) :- देसाईगंज वड़सा पुलिस थाने के सामने वाले रोड पर अज्ञात वाहन चालक ने एक गाय को न सिर्फ टक्कर मारी ब्लकि काफी दूर तक घसीटते ले जाने की खबर सूत्रों से मिली है. इस वज़ह से शहर पुलिस एवं प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हुआ है. ज्ञात हो कि यातायात को सही दिशा एव निर्देश देने के लिए बनाए गए पुलिस ट्रैफिक विभाग की कार्यप्रणाली पर हमेशा ही प्रश्नचिन्ह लगते रहते हैं. ज्यादातर यातायात पुलिस कर्मी यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के बजाय चालान कार्रवाई करने में व्यस्त नजर आते हैं. यही हाल पूरे देश का हैं. ट्रैफिक नियमों के लिए काटे जाने वाले चालानो से सरकारी तिजोरिया भरें या ना भरें, कर्मियों की तिजोरियों को भरते हुए पूरा भारत देख रहा है. खैर मसला किसका लाभ या नुकसान का नहीं, ब्लकि रोड़ एक्सीडेंट में जाने वाली जान का हैं. इंसान हो या जानवर जान तो सबकी कीमती होती है. देसाईगंज वड़सा पुलिस थाने के सामने से गुजरती सड़क पर गौमाता को एक ट्रक ने उड़ाते हुए कुछ दूर तक घसीटा. इसमे गौमाता गंभीर घायल होने की जानकारी हैं. हादसे के बाद जागी पुलिस ने ट्रक की खोजबीन किए जाने की खबर सूत्रों से मिली है. लेकिन मामला दर्ज होने की कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली. अब सवाल य़ह हैं कि इस गौमाता के एक्सीडेंट का असल गुनहगार कौन हैं? क्या इसका मालिक, जिसने इस मूक जानवर को फर्राटेदार सड़क पर छोड़ दिया. या वह पुलिस जिसकी जिम्मेदारी है यातायात को नियंत्रित करने की? जो अनियंत्रित होकर अंधाधुंध चलती रहती हैं. या फिर वहीं ट्रक चालक जो धीरे नहीं चला और गाय को घसीटते चला गया. एक जमात और भी हैं जो खुद को तथाकथित गौरक्षक बताकर उत्पात मचाती हैं लेकिन असल में रस्तों पर भटकते, बीच रास्ते बैठे गौवंश को हटाते सुरक्षित जगह पहुंचाते ये गौरक्षक कभी नजर नहीं आते? सवाल बस इतना ही हैं. रोड़ एक्सीडेंट के लिए आखिर कौन जिम्मेदार हैं?

न्यूज शेअर करने'के लिये यहा क्लिक करे

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Translate »
न्यूज कॉपी करना क्राइम है