मनपा की मिलीभगत से अवैध कचराघर बनाकर, कचरा संकलन कंपनियाँ भी धों रहीं बहती गंगा में हाथ…

मुकुल सूर्यवंशी पीआर न्यूज, नागपुर :- हाल ही में जी-20 के लिए करोड़ों रुपये के खर्चे से सजे नागपुर शहर को देखकर लोग देखते रह जाते हैं. नागपुर की सुन्दरता को दर्शाते रंगबिरंगे पिल्लरों पर दौड़ती महामेट्रो, डबल डेकर ब्रिज और मनमोहक रंगबिरंगी रोड़ किनारों से सटी दीवारें देखकर कोई नहीं कह सकता कि इस खूबसूरती पर BVG और NMC जैसा दाग हैं. क्योंकि NMC ने मोटी रकम पर कचरा संकलन का काम ठेका पद्धति से BVG नामक कंपनी को दिया है.
कचरा संकलन कंपनी का काम हैं शहर का कचरा इकट्टा कर उसे डंपिंग यार्ड पहुंचना. लेकिन कचरा बार – बार डंपिंग यार्ड पहुचाने में लागत ज्यादा लगती. लागत कम करने के लिए कंपनी निर्धारित लोग और कचरा संकलन गाड़ियां भी तय मात्रा से कम मे काम चलाऊ काम करती हैं. घरों से कचरा उठाने वाली गाड़ियां सप्ताह में एक या बड़ी मुश्किल से दो बार ही कचरा संकलन करती हैं. घरों से जमा किया गया कचरा बस्तियों में खाली प्लॉट देखकर अवैध तरीके से जमा किया जाता है. बाद में सप्ताह में एक या दो बार टिप्पर गाड़ियों से डंपिंग यार्ड भेजा जाता है. तब तक अवैध कचरा संकलन पॉइंट पर ही कचरे का ढ़ेर पड़ा रहता है. जिसमें से मरणासन्न करने वाली बदबू इंसानो को जीते जी मारने लगती है. गंदगी के वज़ह से कचरे के ढेर में मच्छरों की भयंकर उत्पत्ति भी होती है. यही कचरे में पडी पन्नियों से खराब बचा खुचा खाना, खराब सब्जियों और घास फूस खाने के लिए पशुओं के झुंड भी ईन कचरा संकलन पॉइंट पर विचरण करते हैं.

कचरा संकलन पॉइंट पर विचरण करते पशु / फोटो – पीआर न्यूज

आज की खबर नागपुर के लकड़गंज पानी टंकी के पास बनाया गया अवैध कचरा घर की हैं. जहां गौमाताये एव अन्य मूक पशु कैसे कचरे में पडी पन्नियों को खाए जा रहे हैं.
अमूमन रोज ही यह भयावह नज़ारा देखने को मिलता है. लेकिन मनपा आयुक्त, मनपा हेल्थ ऑफिसर, मनपा झोंन ऑफिसर, झोंन हेल्थ ऑफिसर के साथ ही कचरा संकलन ठेकाधारी कंपनी के कर्मी और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से आंख मूँद कर बैठे हैं.
सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो में दिख रहा हैं कि एक गाय के पेट से ऑपरेशन करके पन्नियों का जखीरा निकाला जा रहा है. लेकिन करोड़ों गौ प्रेमियों को इससे कोई लेना देना नहिं दिख रहा.
पीआर न्यूज के पत्रकार ने खुद यह वीडियो बनाया है. वीडियो बनाते वक़्त पत्रकार को कचरा संकलन कंपनी के असामाजिक तत्वों द्वारा धमकाया भी गया, और पूछा गया कि गाय तेरी हैं क्या? गाय से हमदर्दी हैं तो अपने घर लेकर जा.
नागपुर के लकड़गंज जैसे ही पूरे शहर में कचरे के अवैध ढ़ेर लगे हैं जहां से मच्छरों की उत्पत्ति के साथ ही मनुष्य जनजीवन को हानि पहुंच रही है. जनता की सेहत से खिलवाड़ कर रही कचरा संकलन कंपनियों को मनपा अधिकारीयों का वरदहस्त प्राप्त हैं.
जहा मनुष्य जीवन सुरक्षित नहीं वहां गौमाता और अन्य मूक पशु कहा सुरक्षित रहेंगे? यह बड़ा सवाल है. शायद भारतीय पशु कल्याण बोर्ड कागजों पर काम कर रहा हो या पीपल फॉर एनिमल जैसी संस्थाओं के पास पर्याप्त समय ना हो. यही वज़ह हैं कि नागपुर शहर को दुल्हन की तरह सजाने वालीं मनपा, अवैध कचरा संकलन केंद्रों को सराह रही हो…


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क्रमशः … अगली खबर जल्द ही…

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