शिंदे का दावा : कार्यकाल पूरा करेगी और फिर से महाराष्ट्र की सत्ता में आएगी शिंदे सरकार…!

आदित्य कड़बे पीआर न्यूज, नागपुर :- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को विधानसभा में अंतिम सप्ताह प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि उनकी बालासाहेबंची शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अगले चुनाव में फिर सत्ता में आएगी. राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में विपक्ष के ‘पिछले सप्ताह के प्रस्ताव’ के जवाब में उन्होंने शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि लोगों ने उनकी सरकार के प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और हाल के ग्राम पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन को भारी विजय प्रदान की है. उन्होंने कहा,’ हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अगले चुनाव के बाद प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आएगी.’
शिंदे ने कहा कि विपक्ष को भ्रष्टाचार को लेकर उन पर निशाना साधने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि पिछली महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार ने लोकायुक्त अधिनियम नहीं बनाया, जो उनकी सरकार ने किया और मुख्यमंत्री के कार्यालय को भी इसके दायरे में लेकर आई.
शिंदे की बगावत के कारण शिवसेना में टूट हुई और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार जून में गिर गई थी. मुख्यमंत्री ने ठाकरे पर भी निशाना साधा.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इन सभी महीनों में मुझ पर हमला किया गया और निशाना बनाया गया. मेरी खामोशी को मजबूरी मत समझिए…. मैं अंदर की सारी बातें जानता हूं.’ उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है कि जो मुख्यमंत्री होने के बावजूद घर से बाहर नहीं निकला, वह अब दूसरों को चुनौती देने की भाषा बोल रहा है.
शिंदे ने उद्धव पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री रहते हुए ढाई साल तक घर से बाहर कदम नहीं रखने वाले किसी शख्स ने मुख्यमंत्री को दिखाने के लिए इनाम की घोषणा की थी. हमने मुख्यमंत्री और सरकार बदली और उस पैसे को बचा लिया.’
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के दौरान घर से काम करने को लेकर उद्धव को आलोचना का सामना करना पड़ा था.
एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘वह विधायिका के सदस्य के रूप में इस्तीफा देने की बात करते हैं लेकिन एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) बने रहते हैं. कम से कम आपने सार्वजनिक रूप से जो वादा किया है उसका सम्मान करें.’ वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते वक्त ठाकरे द्वारा एमएलसी पद छोड़ने की घोषणा का जिक्र कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘(शिवसेना के संस्थापक और उद्धव के पिता) बालासाहेब ठाकरे ने भले ही मुझे जन्म न दिया हो, लेकिन उन्होंने हमें हमारी विचारधारा दी है. यह लोगों को तय करना है कि उनकी विरासत को कौन आगे लेकर जाता है, जो इसे आगे बढ़ाते हैं या सत्ता के लिए इसे बेचने वाले हैं.’
शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने उस दिन बाल ठाकरे के पैर छूने का अधिकार खो दिया था, जिस दिन उन्होंने एमवीए सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से हाथ मिलाया था. उन्होंने कहा, ‘माफी मांगिए और मुझे लगातार नीचा दिखाने के बजाय स्वतंत्र रहिए.’ शिंदे की आलोचना से एक दिन पहले ठाकरे ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय का दौरा करने के लिए उनकी (मुख्यमंत्री की) आलोचना की थी.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं बालासाहेब की विरासत को आगे बढ़ाता हूं, इसलिए मैं गोविंदबाग (बारामती में एनसीपी प्रमुख शरद पवार का आवास) नहीं बल्कि रेशमबाग (जहां आरएसएस कार्यालय स्थित है) गया था.’
विपक्ष लगातार शिंदे सरकार पर आरोप लगाते रहे और शिंदे के साथ ही सरकार में मंत्री अब्दुल सत्तार, संजय राठौर, शंभूराज देसाई, उदय सामंत पर लगे भ्रष्ट्राचार के आरोपों में उनकी मंत्रिमंडल से बर्खास्त या त्यागपत्र देने की मांग जोरशोर से कर रहे थे.
लेकिन सरकार खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरोपों को खारिज करते हुए विपक्ष को दिशाहीन बताया.

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