नागपुर में विधान मंडल के सभी कर्मचारी पहुंचे, सोमवार को पहुंचेगी पूरी सरकार!

पीआर न्यूज, नागपुर :- कोविड-19 की वज़ह से 2 वर्षों बाद उपराजधानी नागपुर में 19 दिसंबर से शुरू होने वाले विधान मंडल के शीतकालीन अधिवेशन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. सभी मंत्रालयों के अधिकारी व कर्मचारी यहां पहुंच चुके हैं. सरकार का डेरा जम चुका है और अब सिर्फ सीएम, डीसीएम, मंत्रियों के आगमन का इंतजार हो रहा है. सभी पार्टी कार्यालयों के सचिव भी 17 दिसंबर को मुंबई से यहां पहुंचने वाले हैं. आलाधिकारियों की संबंधित विभागों से संबंधित विषयों पर समीक्षा बैठकों का दौर शुरू हो गया है. स्थानीय अधिकारी भी वीसी में व्यस्त हो गए हैं. विधान भवन परिसर से लेकर रवि भवन, नाग भवन में मंत्रियों के आवास पूरी तरह सज्ज हो गए हैं. कर्मचारियों ने भी अपना कामकाज संभाल लिया है. सरकार उपराजधानी में 30 दिसंबर तक रहने वाली है. जानकारी के अनुसार शनिवार को देर शाम से उप मुख्यमंत्री व अन्य कुछ मंत्रियों का आगमन हो सकता है.
उपसभापति पहुंचीं, कल आएंगे अध्यक्ष
विधान परिषद में उपसभापति नीलम गोर्हे का आगमन हो चुका है. वे शनिवार को विधान भवन परिसर में सत्र की तैयारियों का जायजा लेने वाली हैं. उनके निवास की व्यवस्था रवि भवन कॉटेज क्रमांक-20 में की गई है. वहीं विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर रविवार,18 दिसंबर को दोपहर 3 बजे पहुंचने वाले हैं. वे 18 को दोपहर 4 बजे अधिवेशन के संदर्भ में समीक्षा बैठक लेने वाले हैं. उसके बाद वे भी परिसर का निरीक्षण करेंगे. इस दौरान विधानसभा के उपसभापति सहित स्थानीय अधिकारी भी उनके साथ होंगे. वे विधायक निवास को भी भेंट देकर व्यवस्था का जायजा लेने वाले हैं. विस अध्यक्ष के रहने की व्यवस्था रवि भवन में कॉटेज क्रमांक-9 में की गई है.
आज आएंगे सीएम-डीसीएम
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी 17 दिसंबर की शाम तक उपराजधानी में आने वाले हैं. वहीं सीएम एकनाथ शिंदे के भी आने की संभावना है. क्योंकि 18 दिसंबर की दोपहर उनके हाथों वनभवन के नवनिर्मित इमारत का उद्घाटन होने वाला है. इसमें मंत्री सुधीर मुनगंटीवार भी उपस्थित रहेंगे.
मोर्चे निकालने जनता तैयार
सरकार जब यहां आ रही है तो विविध संगठनों और नागरिकों को अपनी समस्याएं उसके समक्ष रखने का मौका भी मिल रहा है. अपनी मांगों को लेकर वे मोर्चा-धरना-अनशन के माध्यम से सरकार से भेंट की तैयारी कर चुके हैं. सभी उम्मीद है कि सरकार से सीधे भेंट होगी तो उनकी बात भी सुनी जाएगी. जानकारी के अनुसार, अब तक 63 विविध मोर्चों को अनुमति दी गई है. वहीं धरना स्थल पर 20 संगठन अपनी मांगों को लेकर धरना देने की तैयारी में हैं. 3 संगठनों का शृंखलाबद्ध अनशन होगा. संबंधित विभाग के मंत्रियों से सीधे भेंट की आस लिए ये संगठन मोर्चा-धरना करने वाले हैं. वे अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का पूरा प्रयास करेंगे.
स्वागत के लिए सिटी सज्ज
अपनी सरकार के स्वागत के लिए पूरी सिटी ही सज्ज हो गई है. विधायकों के रहने की व्यवस्था विधायक निवास में है और यहां के कैंटीन में विविध व्यंजनों की व्यवस्था की गई है. विधायकों के स्टाफ के आने का सिलसिला भी शनिवार की देर शाम से शुरू हो जाएगा. विधान भवन, रवि भवन, नाग भवन, हैदराबाद हाउस आदि पूरी तरह सज्ज कर दिए गए हैं. सुरक्षा व बंदोबस्त के लिए 7,000 जवान तैनात रहने वाले हैं. जिस सड़कों से सरकार गुजरेंगे उन सड़कों का डामरीकरण भी हो चुका है. कहा जा रहा है कि विपक्ष के सारे नेता भी 17 दिसंबर को मुंबई में महामोर्चा के बाद आना शुरू कर देंगे.
अब देखना होगा कि सत्र सुचारू रूप से चलता है या फिर तू – तू, मैं – मैं में समय बर्बाद होता है. क्योंकि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एव राज्य के राज्यपाल द्वारा महापुरुषों के बारे में गलत बयानों से, एव राज्य का कर्नाटक से सीमा विवाद, महँगाई, बेरोजगारी और शिवसेना में टूट की वज़ह से नवनिर्वाचित सरकार के सामने यह पहला मौका है जब 10 दिनों का अधिवेशन हो रहा है.

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