मुकुल सूर्यवंशी, संपादकीय :- शनिवार को भारत के चीफ जस्टिस यू. यू. ललित के सत्कार समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने न सिर्फ मंच साझा किया ब्लकि बंद कमरे में मुलाकात भी की जिसकी फोटो सोशल मीडिया में वायरल से मामला सामने आया है। ज्ञात हो कि इस साल जून में शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत हुई थी, जिसके चलते ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार गिर गई थी। इसके बाद 30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जबकि फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने थे।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में शिवसेना और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुटों की ओर से दायर याचिकाओं को पांच-न्यायाधीशों की पीठ के पास भेज दिया था। इन याचिकाओं में दलबदल, विलय और अयोग्यता से संबंधित कई संवैधानिक प्रश्न उठाए गए थे।
ऐसे स्थिति में सीजेआई यू. यू. ललित और अयोग्यता के मामले में कार्यवाही झेल रहे नेता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुलाकात न सिर्फ राजनीतिक पटल पर चर्चा का विषय है ब्लकि रोज़मर्रा की जनसमस्याओं से निजात पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे करोड़ों लोगों की उम्मीदों पर ग्रहण भी है।
महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में शामिल दलों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और चीफ जस्टिस यू. यू. ललित के मंच साझा करने पर सवाल भी उठाए। विपक्ष ने ऐसे समय में दोनों के मंच साझा करने पर आपत्ति जताई जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शिंदे गुट की याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। ‘सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ एकनाथ शिंदे सरकार की वैधता को चुनौती देने के एक गंभीर मामले पर सुनवाई कर रही है। ऐसे में, शिंदे का भारत के प्रधान न्यायाधीश के साथ मंच साझा करना न्यायोचित ना होकर अनुचित है। यह प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं है।
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