भ्रष्ट्राचार की मोह-माया में एसीबी के हत्त्ये चढ़ा बेला का पीएसआई सपाटे…!

पीआर न्यूज ब्यूरों, नागपुर :- जिनपर अपराध, भ्रष्ट्राचार और हिंसा से जनता को निजात दिलाने का जिम्मा भारतीय संविधान ने सौपा वहीं अब जनता के भक्षक बन बैठे हैं. कालेधन की अपार मोहमाया में अंधे होकर खुद ही अवैध धंधों को बढावा देने का काम पुलिस महकमे में बदस्तूर जारी है. जो पकड़ा गया वो चोर! बाकी ईमानदारी की मुरत वालीं कहानी यहां चरितार्थ होते दिखाई देती है. पीआर न्यूज सच्चे और ईमानदार पुलिस कर्मचारियों की हमेशा ही सराहना करता हैं. लेकिन भ्रष्ट्राचारियों को कतई बर्दास्त नहीं किया जा सकता. भ्रष्ट्राचार देश को लगा ओ कैंसर हैं जिसमें देश का गरीब पिसता चला जाता है और आखिर में बिना किसी कसूर के मर भी जाता है.
मामला नागपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अधीन आने वाले बेला पुलिस थाने का हैं. जहां पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप पुंडलिक सपाटे उम्र 57 को 45 हजार रूपए की नकद रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ़्तार किया गया है. रिश्वतखोर उपनिरीक्षक ने अवैध रेती के परिवहन को मंजूरी देने एव जप्त ट्रक को छोड़ने के एवज में रिश्वत मांगने की जानकारी हैं. रिश्वत की रकम 75 हजार रूपए तय होकर जिसकी पहली किश्त 45 हजार रुपये लेते हुए सपाटे को गिरफ़्तार किया गया हैं. एंटी करप्शन ब्यूरो को मामले में 30 अगस्त को उपनिरीक्षक की शिकायत मिली थी. जिसके बाद जाल बिछाकर गुरुवार को आरोपी को गिरफ़्तार किया गया.
एसीबी को मिली शिकायत के अनुसार मामले में शिकायतकर्ता जो बिलालनगर- मंगरूलपीर , वाशिम निवासी है जिसका रेती के ट्रांसपोर्ट का काम है. 26 अगस्त के दिन चेकिंग के दौरान शिकायतकर्ता के ट्रक को बेला पुलिस की टीम ने पकड़ा था. जिसे छोड़ने के लिए और भविष्य में होने वाली रेत की ढुलाई के दौरान प्रत्येक ट्रक ( 5 ट्रक प्रत्येक 15 ) हजार ऐसे 75 हजार रूपए की मांग नागपुर के फ्रेंड्स कॉलोनी काटोल रोड़ निवासी उपनिरीक्षक द्वारा की गई थी. शिकायतकर्ता इसके लिए तैयार नहीं था लिहाजा उसने एसीबी से इस बाबत शिकायत कर दी जिसके बाद जाल बिछाकर रिश्वतखोर पुलिस अधिकारी को गिरफ़्तार कर लिया गया. मामला बेला थाने में कलम 7 के तहत दर्ज कर आगे की जांच एसीबी नागपुर कर रहीं हैं.
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