दिल्ली में सियासी मौसम बदला, ‘ऑपरेशन लोटस’ के बाद अब एलजी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप…

पीआर न्यूज ब्यूरों, नई दिल्ली :- दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार और उपराज्यपाल के बीच तल्खी ने नया मोड़ ले लिया है. दरअसल, आप के नेताओं ने एलजी विनय कुमार सक्सेना पर खादी ग्रामोद्योग के चेयरमेन रहते हुये घोटाले का आरोप लगाया था. आप के इन नेताओं ने हाल ही में दावा किया है कि 2016 में नोटबंदी के दौरान उपराज्यपाल एक घोटाले में शामिल हैं और सीबीआई जांच की मांग की है.
अपनी मांगो को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओ ने सीबीआई के बाहर धरना प्रदर्शन जारी रखते हुए उपराज्यपाल के खिलाफ जांच की मांग की है.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना – फाइल फोटो

जांच से क्यों भाग रहे हैं विनय सक्सेना – आतिशी
इस बीच आप नेता आतिशी ने कहा, “मैं तो ये पूछना चाहती विनय सक्सेना सीबीआई की जांच से भाग क्यों रहे हैं? कुछ नहीं किया होगा तो बच जाएंगे. सीबीआई और ईडी को जांच करने दीजिये. अगर उन्होंने कुछ नहीं किया होगा तो बच जायंगे.” इसके साथ ही आप नेता ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि ये पता चल जाए की सीबीआई इंडिपेंडेंट एजेंसी है या बीजेपी के ऑपरेशन लोटस की एजेंसी है?
आप नेताओं की तरफ से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर दिल्ली का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ जांच की मांग को लेकर आप विधायकों ने विधानसभा में रात में धरना भी दिया. सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान सत्तारूढ़ दल के विधायक आसन के समक्ष आ गए और आरोप लगाया कि ‘घोटाला’ 1400 करोड़ रुपये का है. उन्होंने मांग की कि विनय कुमार सक्सेना को इस्तीफा देना चाहिए और मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच कराई जानी चाहिए. आप उपराज्यपाल पर दिल्ली सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप का आरोप लगाती रही है.
आप विधायक दुर्गेश पाठक ने सोमवार को विधानसभा में आरोप लगाया कि विनय कुमार सक्सेना ने 2016 में केवीआईसी का अध्यक्ष रहने के दौरान अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट बदलने के लिए दबाव डाला था. उन्होंने दावा किया कि केवीआईसी के दो कैशियर ने ‘घोटाले’ का पर्दाफाश किया था, लेकिन विनय कुमार सक्सेना ने स्वयं उनके आरोपों की ‘जांच’ की और उन्हें निलंबित कर दिया.
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आप नेताओं सौरभ भारद्वाज, आतिशी, दुर्गेश पाठक, और जैस्मीन शाह सहित अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है. इन नेताओं द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों को झूठा बताते हुए कानूनी कार्रवाई का फैसला लिया गया है. एलजी हाउस की तरफ से जारी बयान में इस बात की जानकारी दी गई है.

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