सूडान संकट का विश्व पर क्या होगा असर…

न्यूज एजेंसी :- सूडान में चल रहे संघर्ष का असर गम अरेबिक की आपूर्ति पर भी पड़ रहा है। गम अरेबिक सूडान के सबसे अधिक मांग वाले उत्पादों में से एक है। सूडान पूरी दुनिया में इसका निर्यात करता है। युद्ध की वजह से यह प्रभावित हुआ है। इसके चलते दुनिया में कोल्डड्रिंक, सौंदर्य प्रसाधन से लेकर कैंडी तक उत्पादन पर भी असर पड़ने की आशंका है।
गम अरेबिक क्या होता है?
गम अरेबिक चिपकने वाले, फार्मास्यूटिकल्स, स्याही, मिष्ठान और अन्य उत्पादों में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ होता है। दक्षिण सूडान में इसे गम अफ्रीका भी कहा जाता है। यह एक खास तरह के बबूल के पेड़ से निकाला जाता है। जो विशेष रूप से सूडान में ही पाए जाते हैं। अधिकांश बबूल की छाल टैनिन से भरपूर होती है, जिसका उपयोग टैनिंग और डाई, स्याही, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य उत्पादों में किया जाता है।
यह कैसे प्राप्त किया जाता है और कीमत कितनी होती है?
सूडान में खानाबदोश लोग बबूल के पेड़ों से कंकड़, लाल रंग के गोंद को निकालते हैं। इसे बाद में पूरे देश में रिफाइन और पैक किया जाता है। गम सूडान कंपनी के अनुसार, यह हजारों लोगों की आजीविका का साधन है। अधिक महंगी किस्म की कीमत लगभग ३,००० डॉलर प्रति टन होती है।

सूडान के बाहर कहीं-कहीं यह गम पाया जाता है लेकिन यह खराब गुणवत्ता वाला सस्ता गम होता है। कई कंपनियों की पसंदीदा सामग्री केवल सूडान, दक्षिण सूडान और चाड में बबूल के पेड़ों में पाई जाती है।
सूडान के अलावा और कहां-कहां इसका उत्पादन होता है?
दुनिया की गम अरेबिक की आपूर्ति का लगभग ७० फीसदी सूडान से आता है। यह साहेल क्षेत्र में बबूल के पेड़ों से प्राप्त होता है जिसकी आपूर्ति सेना और अर्धसैनिक बल के बीच लड़ाई की वजह से बाधित हो रही है। इसके लिए विकल्प भी ज्यादा नहीं हैं। कोल्डड्रिंक में भी इसका इस्तेमाल होता है। कोका कोला और पेप्सिको जैसी कंपनियों ने संकट को देखते हुए तीन से छह महीने के भंडार कर लिए हैं।
क्या इसके विकल्प मौजूद हैं?
गम अरेबिक निर्यात व्यवसाय एजीपी इनोवेशन कंपनी लिमिटेड ने कहा कि उनके ग्राहक इसके स्रोत के लिए वैकल्पिक देशों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह गम को रूऑन, फ्रांस में स्थित नेक्सिरा एसएएस और इलिनोइस स्थित वेस्टचेस्टर को बेचते हैं। ये घरेलू भोजन, पेय पदार्थ फिजी और पोषण बार जैसे उत्पादों के निर्माताओं को सामग्री के दो प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।

उद्योग के सूत्रों ने कहा कि उनकी निर्माण प्रक्रिया में, खाद्य और कोल्डड्रिंक्स बनाने वाली कंपनियां गम के स्प्रे-सूखे रूप का उपयोग करती हैं जो पाउडर जैसा होता है। सौंदर्य प्रसाधन और छपाई निर्माता विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, फिजी में गम अरेबिक का कोई विकल्प नहीं है।

उपभोक्ता सामान उद्योग के लिए यह बहुत अहम है। यही कारण है कि गम अरेबिक को १९९० के दशक से सूडान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट दी गई थी।
गम अरेबिक का संकट कितना गहरा है?
अधिकांश प्रमुख खाद्य और पेय फर्मों को गम अरेबिक के आपूर्तिकर्ता केरी ग्रुप ने इसकी अनुमानित कमी पर चिंता व्यक्त की है। समूह के खरीद प्रबंधक रिचर्ड फिननेगन के मुताबिक, संघर्ष ज्यादा समय तक जारी रहने से घरेलू नामों से बने ब्रांडेड सामानों पर असर हो सकता है। फिननेगन का अनुमान है कि मौजूदा भंडार पांच से छह महीने में समाप्त हो जाएंगे।

केरी ग्रुप के अनुमानों के अनुसार, गम अरेबिक का वैश्विक उत्पादन प्रति वर्ष लगभग १२०,००० टन है, जिसकी कीमत १.१ बिलियन डॉलर है। यह अधिकांश ‘गम बेल्ट’ में पाया जाता है जो इथियोपिया, चाड, सोमालिया और इरिट्रिया जैसे देशों तक फैला हुआ है।
आपूर्ति क्यों बाधित हुई?
१२ निर्यातकों, आपूर्तिकर्ताओं और वितरकों ने बताया कि गम का व्यापार रुक गया है। गम अरेबिक यूएसए कंपनी के मोहम्मद अलनूर ने कहा कि उथल-पुथल और सड़क की रुकावटों के कारण सूडान के ग्रामीण हिस्सों से अतिरिक्त गम अरेबिक प्राप्त करना अभी असंभव है।

स्वीडन की गम सूडान कंपनी समेत केरी समूह और अन्य आपूर्तिकर्ताओं ने कहा कि जमीन स्तर पर अपने स्त्रोतों से संवाद करना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा पोर्ट सूडान जहां से उत्पाद भेज दिया गया है, लोगों की निकासी को प्राथमिकता दे रहा है। मुंबई स्थित आयातक विजय ब्रोस के प्रबंध निदेशक जिनेश दोशी ने कहा, ‘हमारे आपूर्तिकर्ता युद्ध के कारण आवश्यक वस्तुओं को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’

न्यूज शेअर करने'के लिये यहा क्लिक करे

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Translate »
न्यूज कॉपी करना क्राइम है