भगवाकरण की ओर मध्यप्रदेश काँग्रेस, कमलनाथ का बीजेपी पर झूटे हिदुंत्व का आरोप…

पीआर न्यूज, भोपाल :- भगवाधारी हो चली मध्यप्रदेश काँग्रेस ने पहले पुजारी प्रकोष्ठ और अब धर्म संवाद के जरिए क्या हिंदुत्व के रास्ते को अपनाने से प्रदेश् मे जल्द होने जा रहें आम चुनाव में क्या काँग्रेस को मिलेगी प्रदेश की सत्ता? मध्य प्रदेश में इसी साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले प्रदेश की सियासत गरमाने लगी है। इस सियासत में धर्म का भी सहारा लिया जा रहा है। रविवार को पीसीसी मुख्यालय में धर्म संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसके लिए मुख्यालय को भगवा रंग के झंडों से सजाया गया था। इस पर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग भी तेज हो गई है। भाजपा ने कांग्रेस को चुनावी हिंदू बताया। वहीं, पलटवार करते हुए कांग्रेस ने पूछा कि क्या भगवा भाजपा का ट्रेडमार्क है?
मध्य प्रदेश की सियासत में धर्म के नाम पर क्या-क्या हो रहा है? कांग्रेस का मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ क्या है? राम वन गमन पथ क्या है जिसकी घोषणा कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भी की थी? एमपी में हिंदुत्व के मुद्दे पर कांग्रेस क्यों भाजपा की राह पर है? ऐसे अनगिनत से सवालों पर एक नजर…
धर्म के नाम पर एमपी क्यों उबल रहीं है?
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को कांग्रेस ने मुख्यालय को भगवा रंग के झंडों से सजाकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। दरअसल काँग्रेस मुख्यालय में मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ का धर्म संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें प्रदेश भर के मठ, मंदिरों के पुजारी शामिल हुए।
इस दौरान प्रकोष्ठ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को गदा भेंटकर धर्म संवाद कार्यक्रम में उनका स्वागत किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि आध्यात्मिक शक्ति भारत की सबसे बड़ी शक्ति है, यही शक्ति समाज के लोगों को जोड़कर रखने का काम करती है। उन्होंने कहा कि उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के लिए पहल उनकी सरकार ने की थी।
क्या है कांग्रेस का मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ?
मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नवंबर २०२२ में कांग्रेस ने मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ बनाया। कहा जा रहा है कि इस प्रकोष्ठ के जरिए कांग्रेस हिंदुत्व की छवि चमकाना चाहती है। कांग्रेस ने मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ का गठन कर शिवनारायण शर्मा को अध्यक्ष बनाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकोष्ठ के जरिए पार्टी ब्राह्मण वोटों को साधना चाहती है। इस प्रकोष्ठ के जरिये कांग्रेस मंदिर और पुजारियों के मुद्दे भी उठाना चाहती है।
पहले भी कांग्रेस ने किए धार्मिक आयोजन?
पिछले दिनों रामनवमी के पावन पर्व पर पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ भगवामय दिखे थे। इस दिन वो रघुवंशी समाज छिंदवाड़ा द्वारा निकाली गई शोभा यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस सांसद ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाकर यात्रा का स्वागत किया और भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की पूजा अर्चना की।
पिछले साल (अप्रैल २०२२ में) भी प्रदेश कांग्रेस ने रामनवमी और हनुमान चालीसा पर अपने कार्यकर्ता, पदाधिकारियों, विधायकों को रामलीला, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ करने के निर्देश दिए थे। ताकि चुनाव से पहले कांग्रेस जनता के बीच अपनी पैठ को और मजबूत कर सके। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में भव्य हनुमान मंदिर बनाया है। यही कारण है कि वह अपने आप को राम भक्त हनुमान का भक्त कहलाना पसंद करते हैं।
पांच अगस्त २०२० को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। भूमि पूजन से पहले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पिक्चर बदल ली थी। इस तस्वीर में वे भगवा चोला पहने हुए नजर आ रहे थे। कांग्रेस नेता ने अपनी तस्वीर बदली और लिखा था, ‘श्रीराम के हनुमान करो कल्याण।’ इसके अलावा उन्होंने भोपाल स्थित अपने आवास में हनुमान चालीसा का पाठ किया था। वैसे तो भारतीय राजनीति धर्म के इर्द गिर्द ही घूमते नजर आती हैं।

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