पीआर न्यूज, मुंबई :- महाराष्ट्र के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए अखबारों में विज्ञापन देकर एक व्यापारी के खिलाफ फर्जी छापेमारी में संलिप्तता के आरोपी तीन जीएसटी निरीक्षकों को सेवा से बर्खास्त किए जाने की घोषणा की है. एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि कार्रवाई को सार्वजनिक करने के पीछे का मकसद जीएसटी विभाग की छवि की रक्षा करना था.
अधिकारी के मुताबिक, ‘राज्य में जीएसटी प्राधिकरण के इतिहास में पहली बार भ्रष्ट अधिकारियों की बर्खास्तगी की घोषणा एक विज्ञापन के जरिये की गई है. तीनों निरीक्षक फर्जी छापेमारी में शामिल थे. वे एक प्रमुख व्यापारी से ११ लाख रुपए लेकर उसके परिसर से चले गए. मामले में उनकी भूमिका की पुष्टि होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.’ अधिकारी के अनुसार, मामले में राज्य पुलिस द्वारा तीनों निरीक्षकों के खिलाफ की जा रही जांच जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर हमने एक विभागीय जांच शुरू की और आरोपी निरीक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया. आरोपी निरीक्षकों से पूछताछ के बाद विभाग की छवि की रक्षा के लिए उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया.
छापेमार कार्यवाई करने वाली ज्यादातर जांच एजेंसियां खुद भी संदेह के घेरे में बनी रहती हैं. कोई भी व्यापारी सौ प्रतिशत शुद्ध व्यापार कर ही नहीं सकता कुछ न कुछ खामीया रह ही जाती है इन्हीं वजहों से उनपर छापामार कार्यवाई होने के बावजुद व्यापारी खुद ही मामले को छुपाए रखता, यहीं वजह हैं कि उनसे कोई अधिकारी – कर्मचारी या असामाजिक तत्वों के उगाही होने के बावजूद मामले सामने नहीं आ पाते और अवैध उगाही चलती रहती हैें.